Kesari 2 Review: जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद की न्याय की लड़ाई | #Kesri 2 Movie

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Kesari 2 में सर चेट्टूर शंकरन नायर की ऐतिहासिक भूमिका को जीवंत किया गया है, वहीं आर. माधवन ने वकील नेविल मैकिनली का किरदार अपने शानदार अभिनय से यादगार बना दिया है।
फिल्म की शुरुआत में अक्षय कुमार का किरदार अंग्रेजों का समर्थन करता है। उनकी वफादारी से खुश होकर अंग्रेजी हुकूमत उन्हें ‘वायसराय समिति’ का अध्यक्ष नियुक्त कर देती है।
लेकिन 13 अप्रैल 1919 को जब जलियांवाला बाग में निर्दोषों के खून से ज़मीन लाल हो जाती है, तब सत्य सामने आने पर अक्षय कुमार का किरदार अपने पद से इस्तीफा दे देता है और न्याय के लिए जनरल डायर के खिलाफ ‘नरसंहार’ (Genocide) का केस दायर करता है।
यहीं से फिल्म एक रोमांचक मोड़ लेती है। #Kesri 2 Movie#
अदालत के कठघरे में आर. माधवन और अक्षय कुमार के बीच जबरदस्त तीखी बहस होती है। दोनों अपने तर्कों और हौसले के साथ एक-दूसरे से भिड़ते हैं।
हालांकि, अंग्रेजों का शासन होने के कारण न्याय प्रणाली पक्षपात करती है और जनरल डायर को ‘निर्दोष’ घोषित कर दिया जाता है। उसे अदालत से रिहा कर दिया जाता है।
Kesari 2 एक ऐसी फिल्म है जो हर मोड़ पर नए ट्विस्ट और गहरे सस्पेंस के साथ दर्शकों को बांधे रखती है।
यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष, हिम्मत और सच्चाई के लिए लड़ते एक इंसान की दास्तान है — जो हर भारतीय के दिल को छू जाती है।
मैं इस मूवी को पाँच में से 3 स्टार देता हूँ। #Kesri 2 Movie#
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In # Kesri 2, the historical role of Sir Chettur Sankaran Nair is brought to life beautifully, while R. Madhavan delivers a memorable performance as lawyer Nevil Macnally.
At the beginning of the film, Akshay Kumar’s character supports the British government. Impressed by his loyalty, the British appoint him as the President of the ‘Viceroy Committee’. However, after the tragic Jallianwala Bagh massacre on April 13, 1919, when innocent blood stains the ground, Akshay Kumar’s character resigns from his post upon learning the truth and files a case of ‘Genocide’ against General Dyer. # Kesri 2 Movie#
This is where the movie takes a thrilling turn.
Inside the courtroom, intense and powerful debates happen between R. Madhavan and Akshay Kumar. Both clash fiercely with their arguments and courage.
However, due to British rule, the justice system remains biased and General Dyer is declared ‘innocent’ and released from court.
Kesari 2 is a film that keeps audiences hooked at every turn with new twists and deep suspense. # Kesri 2 Movie #
It is not just a story, but a tale of one man’s fight for truth, courage, and justice — touching the heart of every Indian.
I would give this movie 3 out of 5 stars.

सर चेत्तूर शंकरण नायर: एक साहसी और न्यायप्रिय नेता
सर चेत्तूर शंकरण नायर का जन्म 1857 में मालाबार के पलक्कड़ जिले के मणकरा गांव में हुआ था। वह एक प्रतिष्ठित और धनी परिवार से ताल्लुक रखते थे। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर कानून की पढ़ाई पूरी की। अपने तेज दिमाग और बेहतरीन तर्कशक्ति के बल पर उन्होंने जल्द ही वकालत के क्षेत्र में अपना नाम बना लिया। #Kesri 2 Movie#
उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए, मद्रास हाई कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश सर होरेशियो शेफर्ड ने उन्हें अपने अधीन नियुक्त किया। वकालत के शुरुआती दिनों से ही नायर साहब अपने सख्त सिद्धांतों, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाने जाने लगे। चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति हो, वे हमेशा सच्चाई और न्याय के पक्ष में खड़े रहे। इसी जिद और स्पष्टवादिता ने उन्हें अंग्रेजी शासन का कट्टर आलोचक बना दिया, और कई बार उन्हें अंग्रेज अधिकारियों तथा तत्कालीन समाज के उच्च वर्गों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी। विशेषतः मद्रास के ब्राह्मण वर्ग के लोग उनके निडर स्वभाव से असहज रहते थे। # Kesri 2 Movie #
नायर साहब सिर्फ एक वकील नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों का खुलकर विरोध किया। वे भारतीयों के लिए समान अधिकारों और न्याय की मांग करने वाले प्रारंभिक नेताओं में से एक थे। # Kesri 2 Movie #
1915 में उन्हें वाइसरॉय काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने शिक्षा विभाग को संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीयों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था और अधिकारों की जोरदार वकालत की। लेकिन जब 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ, तो उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ खुलकर विरोध दर्ज कराया। अंग्रेज सरकार के इस अमानवीय कृत्य पर अपना गुस्सा जताते हुए उन्होंने वाइसरॉय की कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया। यह एक साहसिक कदम था, जिसने पूरे भारत में हलचल मचा दी थी और अंग्रेजी हुकूमत को झटका दिया था। # Kesri 2 Movie #
उनकी इसी बगावती प्रवृत्ति के चलते ब्रिटिश अधिकारी एडविन मोंटेग्यू ने उनके बारे में लिखा था, “नायर ऐसा व्यक्ति है जो ऊंची आवाज में चिल्लाता है, बहस करते समय किसी की बात नहीं सुनता और कभी भी समझौता नहीं करता।”
नायर बाद में एक किताब लिखी — “Gandhi and Anarchy” — जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन की आलोचना की थी। वे मानते थे कि राजनीतिक बदलाव के लिए हिंसा रहित संवैधानिक रास्ता ज्यादा प्रभावी है।
उनकी स्पष्टवादिता और निर्भीक सोच ने उन्हें एक अलग पहचान दी। आज भी सर चेत्तूर शंकरण नायर को भारत में न्याय, शिक्षा और समानता के एक सशक्त पक्षधर के रूप में याद किया जाता है।